उत्तराखंड में रविवार के दिन एक और आगाज हो गया।
देहरादून में एक और क्षेत्रीय दल का प्रदार्पण हो गया है।
वही इस इस नए दल का नाम है ‘राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी’।
इस नए दल की कमान शिव प्रसाद सेमवाल के हाथों में है, वही वह पिछले लम्बे समय से उत्तराखंड क्रांति दल का भी हिस्सा रहे है।
यही नही वह यूकेडी के केंद्रीय प्रवक्ता भी रहे हैं।
वही इस नई पार्टी गठन के समय कई यूकेडी के नेताओ के शामिल होने की बात कही जा रही हैं।
वही नई पार्टी राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के उद्घघाटन के समय अध्यक्ष शिव प्रसाद सेमवाल ने यह भी घोंषणा करते हुए बताया कि उनकी पार्टी आगामी नगर निकाय चुनाव भी लड़ेगी।
यही नही पार्टी विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव में भी मुख्य भूमिका निभाएगी, इसके साथ ही पार्टी अगले साल लोकसभा चुनाव में भी प्रदेश की सभी पांचों सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगी।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी का क्या एजेंडा है यह अभी साफ नही हो पाया है।
शिव प्रसाद सेमवाल ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि जल्द ही उनकी पार्टी उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में जिला अध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष के साथ नई टीम का भी गठन करेगी।
वही जहां उत्तराखंड में कोई भी स्थानीय पार्टी अभी तक सत्ता के करीब नहीं पहुंच सकी है, ऐसे में कैसे इस पार्टी की नौका पार लगाएंगे इसकी कमांडर।
क्योंकि यही उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।
बात करें पिछले चुनावों की तो पूर्व के चुनावों में उत्तराखंड राज्य में क्षेत्रीय दलों की स्थिति निराशाजनक रही है।
आम आदमी पार्टी भी पिछले विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों के साथ चुनाव लड़ी थी पर उसके हाथ भी निराशा ही लगी थी।
जहां आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड में कई जनसंबोधन एवं बड़े-बड़े वादे भी लेकिन इसके बाद भी उनके जनता का साथ नही मिला पाया था।
उत्तराखंड में अभी तक कि राजनीति पर गौर फरमाएं तो केवल राष्ट्रीय पार्टियों कॉंग्रेस और भाजपा ने यहां पर सत्ता का सुख भोगा है।
ऐसे में क्षेत्रीय मुद्दों की बात करने वाली इस क्षेत्रीय दलों के सियासत करने तक के दरवाजे अभी तक खुल नही पाए है, जो अब किसी भी क्षेत्रीय दल की एक बड़ी चुनौती बन गयी है।
जिस पार्टी का उत्तराखंड के आंदोलन के अहम भूमिका रही और लोगों को इस पार्टी से उम्मीद भी थी लेकिन वह भी सत्ता की के गलियारों तक अपनी पैठ नही बना सकी।
अब शिव प्रसाद सेमवाल के अगुवाई में गठित नई क्षेत्रीय दल कुछ करिश्मा कर पायेगा यह आने वाला चुनावी रिजल्ट ही बता पायेगा।
इस नई पार्टी का नाम है राष्ट्रीय रीजनल पार्टी।