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ब्रेकिंग:- जिलाधिकारी उत्तरकाशी हुए इस यात्रा मार्ग पर सख्त, दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत एक आदेश हुआ जारी, जाने क्या कुछ बदला अब।

जिलाधिकारी उत्तरकाशी हुए इस यात्रा मार्ग पर सख्त, दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत एक आदेश हुआ जारी, जाने क्या कुछ बदला अब।

रिपोर्ट:– सुभाष बडोनी / उत्तरकाशी

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यमुनोत्री धाम में पैदल यात्रा मार्ग पर यात्रियों के आवागमन को सुगम, सुरक्षित एवं शान्तिपूर्वक ढंग से सम्पादित कराये जाने हेतु जिला मजिस्ट्रेट डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत एक आदेश जारी करते हुए जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक घोड़े-खच्चर एवं डण्डी के आवागमन के लिए अधिकतम संख्या एवं समयावधि निर्धारित की है।

इस संबंध में उप जिलाधिकारी, बड़कोट, पुलिस उपाधीक्षक, बड़कोट एवं अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत, उत्तरकाशी की संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर यमुनोत्री धाम पैदल यात्रा मार्ग संकरा होने के कारण भीड़ नियन्त्रण, जानमाल के खतरे एवं यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत जिला मजिस्ट्रेट, उत्तरकाशी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने श्री यमुनोत्री धाम पैदल यात्रा मार्ग पर सुगम एवं सुविधाजनक आवागमन को सम्पादित किये जाने हेतु पारित आदेश के अनुसार जानकीचट्टी से यमुनोत्री एवं यमुनोत्री से जानकीचट्टी आने-जाने वाले घोड़े खच्चरों की संख्या अधिकतम 800 निर्धारित की गई है।

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इस मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के आवागमन का समय प्रातः 4 बजे से साँय 5 बजे तक निर्धारित किया गया है।

आदेशानुसार घोड़े-खच्चरों की संख्या 800 पूर्ण होने के पश्चात घोड़े-खच्चर उसी अनुपात में जानकीचट्टी से भेजे जायेगें, जिस अनुपात में यमुनोत्री से वापस आयेगे।

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प्रत्येक घोड़े-खच्चर के प्रस्थान, यात्री के दर्शन तथा वापसी हेतु कुल 05 घंटे का समय निर्धारित किया करते हुए आदेश में कहा गया है कि 05 घंटे से अधिक कोई भी घोडा-खच्चर किसी भी दशा में यात्रा मार्ग पर नहीं रहेगा।

यदि घोड़े-खच्चर कम संख्या में है, तो उनको क्रमानुसार रोटेशन के आधार पर जाने दिया जायेगा।

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यात्री द्वारा यमुनोत्री धाम पहुंचने पर दर्शन आदि के लिए 60 मिनट का समय निर्धारित कर इस संबंध में मंदिर समिति से स्वयंसेवक तैनात करते हुए उक्त व्यवस्था का अनुपालन करवाये जाने की अपेक्षा की गई है।

आदेश में व्यवस्था दी गई है कि अपरिहार्य स्थिति को छोड़ते हुये घोड़ा-खच्चर संचालक 60 मिनट का इंतजार करने के पश्चात घोड़ा पड़ाव में तैनात जिला पंचायत के कर्मी से अनुमति प्राप्त कर यात्री के बिना वापस लौट आयेगा।

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प्रीपेड काउंटर पर ही पर्चियां काटी जायेगी व वहीं पर भुगतान की व्यवस्था की जाय तथा यात्रीगणों को लाउडस्पीकर के माध्यम से अवगत कराया जायेगा।

घोड़े खच्चर का संचालन प्रीपेड काउंटर से ही किया जायेगा।

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जिला मजिस्ट्रेट के उक्त आदेश में जानकीचट्टी से यमुनोत्री आने-जाने वाली डण्डी की संख्या अधिकतम 300 निर्धारित की गई है।

डण्डी के आवागमन का समय प्रातः 4 बजे से साँय 4 बजे तक निर्धारित किया जाता है।

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डण्डी के लिये आवागमन का समय 06 घंटा निर्धारित किया जाता है तथा इन्हें 50 के लॉट में छोडा जायेगा।

एक लॉट के छोड़े जाने के पश्चात दूसरा लॉट 01 घण्टे के अंतराल में रोटेशन अनुसार छोड़ा जायेगा।

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डण्डी का संचालन बिरला धर्मशाला से किया जायेगा अन्यत्र किसी भी स्थान से संचालन की अनुमति नहीं दी जायेगी।

आदेशानुसार अपरिहार्य स्थिति को छोड़ते हुये डण्डी संचालक 60 मिनट का इंतजार करने के पश्चात घोड़ा पड़ाव में तैनात जिला पंचायत के कर्मी से अनुमति प्राप्त कर यात्री के बिना वापस लौट आयेगा।
उक्त आदेश के अनुसार श्री यमुनोत्री धाम में घोड़ा पड़ाव से आगे किसी भी दशा में घोड़ा-खच्चर एवं डण्डी के जाने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है।

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यदि किसी व्यक्ति द्वारा इस आदेश का उल्लंघन किया जाता है, तो उसका यह कृत्य भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय होगा।

जिला मजिस्ट्रेट ने संबंधित विभाग एवं अधिकारियों को उक्त आदेश के अनुपालन के संबंध में तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए है।

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