khabaruttrakhand
आकस्मिक समाचारउत्तराखंडटिहरी गढ़वालदिन की कहानीदेहरादूनविशेष कवरस्वास्थ्य

ब्रेकिंग:-एम्स में राज्यभर के फार्मासिस्ट और डेटा इंट्री ऑपरेटरों की वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

एम्स में राज्यभर के फार्मासिस्ट और डेटा इंट्री ऑपरेटरों की वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

जिसमें सभी 13 जिलों के राजकीय चिकित्सालयों के फार्मासिस्टों एवं डेटा इंट्री ऑपरेटर्स ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला में उन्हें वायरल हेपेटाइटिस जांच, इलाज व मेडिकल इंफोरमेशन सिस्टम आदि से संबंधित जानकारियां दी गई। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के अंतर्गत राज्य सरकार के अस्पतालों में कार्यरत फार्मासिस्टों व डेटा इंट्री ऑपरेटर्स की दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला विधिवत संपन्न हो गई।

Advertisement

जिसमें प्रशिक्षकों द्वारा प्रतिभागियों को वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम से संबंधित प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर संस्थान के सीएफएम विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर व वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के समन्वयक डा. अजीत सिंह भदौरिया ने उन्हें प्रोग्राम से संबंधित विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई। उन्होंने प्रशिक्षुओं को देश में वायरल हेपेटाइटिस की समस्या व संबंधित चुनौतियों से अवगत कराया। माइक्रो बायोलॉजी विभाग के डा. वाईपी मथूरिया ने वायरल हेपेटाइटिस की स्क्रिनिंग व डायग्नोसिस संबंधी जानकारियां दी। गैस्ट्रो विभागाध्यक्ष डा. रोहित गुप्ता ने वायरल हेपेटाइटिस की विभिन्न उपचार की विधियों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि प्रोग्राम के अंतर्गत हेपेटाइटिस -बी व हेपेटाइटिस- सी की दवाइयां मुफ्त उपलब्ध हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि हेपेटाइटिस- सी का संक्रमण इन दवाइयों द्वारा पूर्णरूप से खत्म किया जा सकता है। कार्यशाला के तहत फार्माकोलॉजी विभाग के डा. पुनीत धमीजा ने राज्य के सरकारी अस्पतालों के फार्मासिस्टों को एंटी वायरल दवाइयों के शरीर में कार्य करने की प्रणाली (फार्माकोडायनामिक्स एंड फार्माकोकायनेटिक्स )से अवगत कराया। उन्होंने फार्मासिस्ट को बताया कि वायरल हेपेटाइटिस की दवाओं को लेने से ज्यादातर मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है।
उन्होंने दवाइयों के द्वारा होने वाले साइड इफेक्ट्स के बारे में भी जानकारी दी एवं यह भी बताया कि यदि इन दवाओं को लेने से किसी मरीज को साइड इफेक्ट होता है तो उसे कैसे रिपोर्ट करना है। सीएफएम विभाग की डा. मीनाक्षी खापरे ने इन्वेंट्री कंट्रोल के बारे में अवगत कराया। इस दौरान उन्हें एम्स की फार्मेसी में प्रेक्टिकल एक्सपीरियंस दिया गया। कार्यशाला में क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनि​शिएटिव (सीएचएआई) के प्रतिनिधि अधीराज शेखावत ने डेटा इंट्री ऑपरेटर्स को मेडिकल इन्फॉरमेशन सिस्टम (एमआईएस) व नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के डैश बोर्ड संबंधी जानकारियां दी व एमआईएस प्लेटफार्म पर डेटा इंट्री करने का प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला के आयोजन में सीएफएम विभाग की डा. अमृता मेहंदीरत्ता ने सहयोग प्रदान किया। प्रशिक्षण कार्यशाला में फार्मासिस्ट प्रमोद कुमार, अनूप कृषाली, धीरेंद्र सिंह, उत्तम चंद रमोला, डीपी बहुगुणा के अलावा डेटा इंट्री ऑपरेटर्स में केतन,पुष्पा भट्ट, चंद्रकला, आयुषी, शोभित रावत, कलम सिंह, लाल खान, विपिन चौहान, ललित मोहन आदि शामिल थे।

Advertisement

Related posts

Haldwani Update: ‘हम पछताएं, कभी भी पत्थरबाजों का समर्थन नहीं करेंगे’, महिलाओं ने नगर मजिस्ट्रेट ऋचा के सामने अपना दुख व्यक्त

cradmin

ब्रेकिंग:-पैंथर गांव में अनेक स्थानों शिला फलकम स्मारक की स्थापना करने के साथ ही पंच प्रण शपथ लेने और अमृत वाटिका का निर्माण जैसी गतिविधियां हर्षोंल्लास के साथ आयोजित।

khabaruttrakhand

Chardham Yatra 2024: तीर्थ यात्रियों के लिए अच्छी खबर, अब GMVN की वेबसाइट पर मिलेगी कैब बुकिंग की सुविधा

cradmin

Leave a Comment

Verified by MonsterInsights